पलाश के फूलों की खूबसूरती से पूरा इलाका सिंदूरी रंग में रंगा
संवाददाता बरही
बरही। पूरा हजारीबाग इन दिनों पलाश के फूलों से गुलजार है। दरअसल, हजारीबाग जिले में पलाश के पेड़ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं, पलाश के फूल अपनी खुशबू व सुंदरता से प्रकृति की खूबसूरती बढ़ा रहे हैं। पलाश का फूल न सिर्फ पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करता है बल्कि आदिवासी संस्कृति के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में भी इसका विशेष महत्व है। बरही प्रखंड के वन क्षेत्रों के अलावा गांव के आसपास के इलाकों में पलाश की लालिमा से प्रकृति की तस्वीर निराली हो जाती है। इस समय जगह-जगह पलाश के पेड़ों में फूल खिले हुए हैं, जिससे जंगल से लेकर गांव तक पलाश की लालिमा से खिल उठे हैं।
पलाश से रोजगार: परंपरा के साथ-साथ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में भी पलाश का बड़ा योगदान है। पलाश के पत्तों से दोना बनाया जाता है। इसके फूलों से रंगहीन गुलाल भी तैयार किया जाता है। इसके पत्तों, फूलों, जड़ों और लकड़ी के अनेक उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी प्रदान करते हैं।
पलाश के फूल का महत्व: जानकार लोग बताते हैं कि पलाश के फूल के बीज और जड़ का उपयोग कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। इसके कई लाभ या गुण हैं। आयुर्वेद में इसकी जड़ों, पत्तियों और बीजों से कई दवाएं बनाकर विभिन्न रोगों के उपचार में उपयोग की जाती हैं। धार्मिक ग्रंथों में भी इसके गुणों का खूब उल्लेख किया गया है।
आदिवासी समुदाय के लोग अपने समाज और संस्कृति में पलाश के फूल को काफी महत्व देते हैं। बसंत ऋतु के आगमन के साथ ही पलाश के पेड़ पर फूल खिलने लगते हैं। पलाश के फूलों को कई नामों से भी पुकारा जाता है।