आस्था ने ऑल इंडिया 354वी रैंक प्राप्त कर बरही प्रखंड और जिला का नाम रोशन की
बरही (हजारीबाग) : हौंसला अगर कुछ बड़ा करने का है तो फिर असफलता ही सफलता की सीढ़ी बन सकती है। इसके किए दृढ़ आत्मविश्वास के साथ सही दिशा में प्रयास और मेहनत की जरूरत होती है। यह चरितार्थ किया है बरही जरहिया गांव की बेटी आस्था शरण ने। एक बार में सफल नहीं हुई तो घर पर ही रह कर आस्था शरण ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी पास कर परचम लहराया। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 354 वीं रैंक हासिल की है। आईएएस बन इतिहास रचने वाली छोटे से गांव जरहिया की रहने वाली आस्था शरण ने न सिर्फ अपने परिवार, गांव का बल्कि पूरे सूबे का नाम रोशन कर दिखाया। पूरे गांव में खुशी व जश्न का माहौल है। उन्हें बधाई देने वालों की ताँता लगी है।
दूसरी बार में पाई सफलता : बरही की बिटिया आस्था शरण वर्ष 2024 में सेकंड अटेंट में 354 वां रैंक लाई है। इसके पहले वर्ष 2023 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में महज 9 अंक से मेन में नंबर छूट गया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने सफलता का परचम लहराया और देश भर में 354 वां रैंक प्राप्त की। छोटे से गांव में रहकर इतनी बड़ी सफलता पाने वाली आस्था शरण आज सपना साकार करने में जुटे सभी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर की यूपीएससी की तैयारी, पाई सफलता :
आस्था शरण का जन्म 28 फरवरी 1999 को हुई। आस्था की प्रारंभिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय चंडीगढ़ में हुई है। उन्होंने यही से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। आईआईटी बीएचयू से इलेक्ट्रॉनिक में जून 2020 में बी – टेक की है। बेंगलुरु में गोल्डमैन सैच में 32 लाख के पैकेज पर करीब डेढ़ साल तक काम की, उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और दिल्ली बाजीराव से सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी वर्ष 2022 – 23 में की। किंतु पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली। 2023 में पहले प्रयास में कट आफ से 9 नंबर काम आने के कारण साक्षात्कार तक नहीं पहुंच पाई थी। तब उन्होंने घर पर ही रहकर तैयारी करना शुरू की जिसमें
आस्था शरण ने अपने दूसरे सफल प्रयास में 354 वां रैंक लाकर सफलता की परचम लहराई।
संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी आस्था शरण : आस्था के पिता शिव शरण यादव वर्ष 2024 एयरफोर्स से सेवानिवृत हुए हैं। आस्था अपने पिता शिव शरण की इकलौती बेटी है। उनकी माता का देहांत वर्ष 2018 में ही हो गई थी।आईएएस बननेवका सपना सकार की आस्था शरण संयुक्त परिवार में पली बढ़ी है। पूरा परिवार शिक्षित है। उनके दादा दिनेश यादव गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जो डीवीसी से सेवानिवृत्ति हैं। उनके बड़े चाचा शंभू शरण यादव सीडब्लूसी और छोटे चाचा शशि भूषण डीवीसी में कार्यरत हैं। उनकी एक चाची मुन्नी देवी डीएवी पब्लिक स्कूल बरही की शिक्षिका हैं। आस्था के मामा विकास कुमार हजारीबाग पूर्वी प्रमंडल के डीएफओ हैं। आस्था ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पूरे परिवार और गुरुजनों को दिया। उनका कहना है कि सपना को हकीकत में बदलना है तो हमें अनुशासन, ईमानदारी से कड़ी मेहनत, समर्पण और धैर्यवान बनना जरूरी है।